जरूरत की खबर- व्रत में खाएं ग्लूटेन फ्री आटा: 11 हेल्थ बेनिफिट्स
नवरात्रि के दौरान कई भक्त नौ दिनों का व्रत रखते हैं, जिसमें खाने-पीने के विकल्प सीमित होते हैं। इस दौरान कुट्टू, सिंघाड़ा, राजगिरा और समा जैसे ग्लूटेन-फ्री आटे खाए जाते हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से उपयुक्त हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। ये आटे प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान और सक्रिय रखने में मदद करते हैं। इस लेख में हम इन आटों के पोषण मूल्य, स्वास्थ्य लाभ और उन्हें आहार में शामिल करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
ग्लूटेन-फ्री आटों का पोषण मूल्य
व्रत में खाए जाने वाले प्रमुख ग्लूटेन-फ्री आटों में कुट्टू, सिंघाड़ा, राजगिरा और समा शामिल हैं। ये सभी आटे अपने विशिष्ट पोषण मूल्य के लिए जाने जाते हैं:
- कुट्टू का आटा: प्रोटीन, फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम का उत्कृष्ट स्रोत
- सिंघाड़े का आटा: कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन और कैल्शियम से समृद्ध
- राजगिरा का आटा: प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम का पावरहाउस
- समा का आटा: फाइबर, आयरन और मिनरल्स से भरपूर
स्वास्थ्य लाभ और उपयोग
ये ग्लूटेन-फ्री आटे न केवल पौष्टिक हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं। वे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। इन्हें पूरी, पराठा, इडली, डोसा या चिला जैसे विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, ये डायबिटीज के रोगियों के लिए भी सुरक्षित हैं क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
सावधानियाँ और सुझाव
हालांकि ये आटे अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित हैं, कुछ सावधानियाँ बरतना आवश्यक है। जैसे, शुद्ध और मिलावट रहित आटा खरीदें, इन्हें अच्छी तरह से पकाएं, और पर्याप्त पानी पिएं। शुरुआत में थोड़ी मात्रा से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं। किसी भी दवा के साथ संभावित प्रतिक्रिया की जाँच करें। इन आटों को संतुलित आहार का हिस्सा बनाएं, लेकि
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