उत्तराखंड: रोमांच के दीवानों के लिए बड़ी खबर, 27 सितंबर से गंगा
उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 27 सितंबर से गंगा नदी में राफ्टिंग की अनुमति दी जाएगी। यह खबर रोमांच प्रेमियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो लंबे समय से इस खतरनाक खेल का इंतजार कर रहे थे। राफ्टिंग न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी। हालांकि, सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
राफ्टिंग की वापसी: क्या है नया?
गंगा नदी में राफ्टिंग की वापसी के साथ कई नए नियम और सुविधाएं भी लागू की जा रही हैं:
- सभी राफ्टिंग ऑपरेटरों को सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा
- राफ्टिंग के दौरान जीपीएस ट्रैकिंग अनिवार्य होगी
- हर राफ्ट में एक प्रशिक्षित गाइड की उपस्थिति जरूरी होगी
- राफ्टिंग के लिए नए मार्ग निर्धारित किए गए हैं
इन नियमों का उद्देश्य राफ्टिंग को और अधिक सुरक्षित और मजेदार बनाना है। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमने सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है ताकि लोग बिना किसी चिंता के इस रोमांचक गतिविधि का आनंद ले सकें।”
राफ्टिंग का पर्यटन पर प्रभाव
राफ्टिंग की वापसी से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में होटल और रेस्तरां मालिक इस फैसले से बेहद खुश हैं। एक स्थानीय व्यवसायी ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में हमारा व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ था। अब हमें उम्मीद है कि चीजें फिर से पटरी पर लौटेंगी।”
सावधानियां और सुझाव
हालांकि राफ्टिंग एक रोमांचक गतिविधि है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी शामिल हैं। पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे:
- हमेशा लाइफ जैकेट पहनें
- गाइड के निर्देशों का पालन करें
- अपनी सीमाओं को समझें और उनका सम्मान करें
इन सावधानियों को ध्यान में रखते हुए, राफ्टिंग एक अद्भुत और यादगार अनुभव हो सकता है। तो तैयार हो जाइए गंगा की लहरों पर सवार होने के लिए!
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