उत्तराखंड: सरकारी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में असिस्टेंट प्रोफेसर
उत्तराखंड सरकार ने राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी की इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती सुमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एक परीक्षा में कथित अनियमितताओं के कारण की गई है। आरोप है कि श्रीमती सुमन ने परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट प्राप्त किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करवाया। इस मामले में उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज की गई है। परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप 21 सितंबर, 2025 को आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना मिली। हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से 12 प्रश्न बाहर भेजे जाने की जानकारी सामने आई। जांच में पता चला कि श्रीमती
परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप
21 सितंबर, 2025 को आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना मिली। हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से 12 प्रश्न बाहर भेजे जाने की जानकारी सामने आई। जांच में पता चला कि श्रीमती सुमन इस मामले में शामिल थीं। उन पर आरोप है कि:
- परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट प्राप्त किया
- इसे अधिकारियों को सूचित नहीं किया
- स्क्रीनशॉट को वायरल करवाने के लिए किसी और को दिया
- परीक्षा में गलत नीयत से ‘सॉल्वर’ के रूप में शामिल हुईं
कानूनी कार्रवाई और निलंबन
इस मामले में श्रीमती सुमन के खिलाफ रायपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके कृत्य को उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 का उल्लंघन माना गया है। निलंबन आदेश के अनुसार, यह कार्रवाई तब तक प्रभावी रहेगी जब तक अनुशासनात्मक जांच पूरी नहीं हो जाती।
निलंबन के दौरान वेतन व्यवस्था
निलंबन अवधि में श्रीमती सुमन को जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। यह राशि उनके अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन के बराबर होगी। इस पर मंहगाई भत्ता भी मिलेगा, लेकिन अलग से कोई मंहगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा। यह व्यवस्था वित्तीय नियम संग्रह के प्रावधानों के अनुसार की गई है।
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