अब उत्तराखंड में बनेगा स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र, केंद्र
उत्तराखंड में आपदा के समय स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए पहला स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है और वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। यह केंद्र प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत राज्य की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करेगा। इससे आपदा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समयबद्ध प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होगा, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी। केंद्र की स्थापना और उद्देश्य स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को एक नया आयाम देगा। यह केंद्र राज्य में आपदा के समय स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य है: आपदा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित
केंद्र की स्थापना और उद्देश्य
स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को एक नया आयाम देगा। यह केंद्र राज्य में आपदा के समय स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- आपदा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना
- विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना
- राज्य की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना
- संकट की स्थिति में तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करना
केंद्र का संचालन और कार्यप्रणाली
स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र के संचालन के लिए संविदा पर नौ पदों को मंजूरी दी है। इनमें वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार, डेटा विश्लेषक, हब इंजीनियर और डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, जल्द ही इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि केंद्र का संचालन सुचारू रूप से प्रारंभ हो सके।
सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को उत्तराखंड के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का बड़ा तोहफा बताया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता और मजबूत होगी। केंद्र सरकार ने राज्य से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके लिए एक अलग बैंक खाता खोलकर वित्तीय सहायता का प्रबंधन किया जाएगा। यह पहल उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जो आपदा प्रबंधन में नई दक्षता और प
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