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झांसी में भाइयों के साथ भगवान राम की निकली बरात: रथ

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झांसी में भाइयों के साथ भगवान राम की निकली बरात: रथ

झांसी के बड़ा बाज़ार में बुधवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। बड़ा बाज़ार रामलीला मंच की ओर से भगवान राम की बरात निकाली गई, जिसमें शहर के लोग भी बड़े उत्साह से शामिल हुए। यह परंपरा पिछले 61 वर्षों से चली आ रही है। बरात में भगवान राम, उनके भाई और पिता दशरथ के साथ-साथ गुरु वशिष्ठ भी शामिल थे। शहर की प्रमुख सड़कों से होकर गुजरी इस बरात में बैंड-बाजे और भजनों की धुन पर लोग झूमते नज़र आए। इस आयोजन ने स्थानीय लोगों और नेताओं को एक साथ लाकर सामुदायिक एकता का संदेश दिया।

बरात का मार्ग और प्रमुख आकर्षण

बरात का आरंभ बड़ा बाज़ार से हुआ और यह शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरी। इसमें शामिल प्रमुख आकर्षण थे:

  • तीन रथों पर सवार राजा दशरथ, गुरु वशिष्ठ, राम-लक्ष्मण और भरत-शत्रुघ्न
  • बैंड-बाजे और भजनों की मधुर धुन
  • स्थानीय लोगों द्वारा फूल बरसाना और आरती करना
  • व्यापारियों और नेताओं का सक्रिय भागीदारी

नेताओं और समाज सेवियों की भागीदारी

बरात में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन और समाजसेवी संदीप सरावगी जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया। सुभाष गंज पहुंचने पर उन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण की आरती की और फूलमाला पहनाई। प्रदीप जैन ने इस अवसर को दुर्लभ बताते हुए आयोजन समिति का धन्यवाद किया।

बरात का सामुदायिक महत्व

यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामुदायिक एकता का प्रतीक भी है। बरात में शामिल होने के लिए लोगों ने अपने दैनिक कार्य छोड़ दिए, जो इस आयोजन के प्रति उनके उत्साह को दर्शाता है। यह परंपरा न केवल धार्मिक भावनाओं को जीवंत रखती है, बल्कि शहर के विभिन्न वर्गों के बीच सामंजस्य भी बढ़ाती है। इस तरह के आयोजन स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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यह जानकारी आधिकारिक/विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है और पाठकों के लिए सरल भाषा में प्रस्तुत की गई है।

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