असम से आए नगर कीर्तन का हुआ स्वागत: आगरा में पुष्प वर्षा
आगरा में सिख धर्म के नवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी शताब्दी के अवसर पर एक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। यह कीर्तन असम के गुरुद्वारा दुबड़ी साहिब से 21 अगस्त को शुरू हुआ था और कई राज्यों से होते हुए आगरा पहुंचा। इसमें गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के साथ तीन गुरुओं के शस्त्र भी शामिल थे। शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय नेताओं और समुदायों द्वारा कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया। यह आयोजन सिख समुदाय की आस्था और एकता का प्रतीक बन गया।
कीर्तन का मार्ग और महत्वपूर्ण स्थल
नगर कीर्तन का आगरा में प्रवेश गुरुद्वारा गुरु का ताल से हुआ। यहां से यह विभिन्न प्रमुख स्थानों से होकर गुजरा:
- गुरुद्वारा दमदमा साहिब कैलाशपुरी रोड
- मदिया कटरा, लोहा मंडी, जीआईसी मैदान
- तहसील रोड, पुलिस लाइन गुरुद्वारा
- नॉर्थ ईदगाह, एमजी रोड
- गुरुद्वारा मधु नगर
कीर्तन में शामिल पवित्र वस्तुएं
इस नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के साथ-साथ तीन महत्वपूर्ण गुरुओं के शस्त्र भी शामिल थे:
- छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब की कृपाण
- नवें गुरु गुरु तेग बहादुर साहिब की कृपाण
- दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की कृपाण
स्थानीय समुदायों द्वारा भव्य स्वागत
आगरा के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं और समुदायों ने नगर कीर्तन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। कुछ प्रमुख स्वागत स्थल थे:
- कैलाश पुरी में गगन बतरा और सतपाल बत्रा द्वारा
- मदिया कटरा में पार्षद विक्रांत कुशवाह द्वारा
- लोहा मंडी में ग्रोवर परिवार और बाजार कमेटी द्वारा
- जयपुर हाउस में बीबी रानी सिंह और रेनू गुप्ता द्वारा
- अग्रवाल सेवा सदन में अग्रवाल समाज द्वारा
इस तरह, आगरा के विभिन्न समुदायों ने एकजुटता दिखाते हुए इस धार्मिक यात्रा का स्वागत किया। यह आयोजन न केवल सिख धर्म के प्रति श्रद्धा का प्रतीक था, बल्कि शहर की सांप्रदायिक सद्भावना का भी उदाहरण बना।
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