रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवाद में कोर्ट का अहम फैसला: 25 सितंबर तक न
लखनऊ हाईकोर्ट ने बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी विवाद में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन की गिरफ्तारी और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह विवाद 1 सितंबर को शुरू हुआ था जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बिना मान्यता पाठ्यक्रम चलाने का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। इसके बाद विश्वविद्यालय के खिलाफ कई कार्रवाइयां हुईं, जिन्हें अब कोर्ट ने रोक दिया है। यह फैसला विश्वविद्यालय के लिए बड़ी राहत है। विवाद की शुरुआत और प्रशासनिक कार्रवाई विवाद की शुरुआत 1 सितंबर को हुई जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों ने विश्वविद्यालय पर बिना मान्यता पाठ्यक्रम चलाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें 24 प्रदर्शनकारी घायल
विवाद की शुरुआत और प्रशासनिक कार्रवाई
विवाद की शुरुआत 1 सितंबर को हुई जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं और छात्रों ने विश्वविद्यालय पर बिना मान्यता पाठ्यक्रम चलाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें 24 प्रदर्शनकारी घायल हुए। इसके बाद कई प्रशासनिक कार्रवाइयां हुईं:
- 3 सितंबर को उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया
- सदर तहसीलदार अदालत ने 27 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
- 6 सितंबर को प्रशासन ने विश्वविद्यालय के कुछ भवनों को ध्वस्त किया
- जमीन की पैमाइश भी कराई गई
विश्वविद्यालय की अपील और कोर्ट का फैसला
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन कार्रवाइयों को पक्षपातपूर्ण बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को बड़ी राहत देते हुए जांच पूरी होने तक कब्जा हटाने और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही, कोर्ट ने डीएम को 25 सितंबर तक जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
विश्वविद्यालय और प्रशासन की प्रतिक्रिया
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार नीरज जिंदल ने कोर्ट के फैसले पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन के साथ सहयोग का आश्वासन दिया है। यह फैसला विश्वविद्यालय के लिए बड़ी राहत है, लेकिन अभी मामले की जांच जारी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और विश्वविद्यालय के बीच तनाव कम होता है या नहीं।
स्रोत: लिंक