Skip to content

अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली जमानत, उच्च न्यायालय ने कहा ‘निचली अदालत ने नहीं लगाई दिमाग

1 min read

25-06-24: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने निचली अदालत पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मामले में गहराई से विचार नहीं किया।

केस की पृष्ठभूमि

केजरीवाल पर दिल्ली एक्साइज नीति मामले में धन शोधन का आरोप है। पिछले महीने, रौज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।ईडी का कहना था कि निचली अदालत ने मामले में केजरीवाल की गहरी शामिलात को नजरअंदाज कर दिया और उन्हें जमानत दे दी। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल इस घोटाले के अवैध लाभों के प्रमुख लाभार्थी थे।

उच्च न्यायालय का फैसला

उच्च न्यायालय ने ईडी की दलीलों को मानते हुए केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने कहा कि निचली अदालत ने मामले में गहराई से विचार नहीं किया और केजरीवाल की भूमिका को नजरअंदाज कर दिया।न्यायालय ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मौजूद सबूत काफी मजबूत हैं और उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा। इस फैसले से केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है और वह अभी भी तिहाड़ जेल में रहेंगे।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

केजरीवाल के इस फैसले पर राजनीतिक दलों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया और केंद्र सरकार पर केजरीवाल को निशाना बनाने का आरोप लगाया।वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जमानत मिलने से न्याय प्रक्रिया में बाधा आती।

See also  SIST Chisopani Appoints Two New Assistant Professors for Civil Engineering and English

आगे की राह

केजरीवाल अब सुप्रीम कोर्ट में अपना केस लड़ेंगे। उनका कहना है कि उच्च न्यायालय का फैसला गलत है और वह इसे चुनौती देंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में भी उन्हें राहत मिलना मुश्किल दिख रहा है।इस बीच, ईडी अपनी जांच को और तेज करेगी और केजरीवाल के खिलाफ और सबूत जुटाने की कोशिश करेगी। यह मामला अभी लंबे समय तक चलता रहने वाला है और केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य पर भी असर डाल सकता है।

अधिक पढ़ें : ऐतिहासिक कदम: केरल विधानसभा ने राज्य के नाम बदलने का प्रस्ताव मंजूर किया