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राजस्थान नगर पालिका चुनाव पर विवाद: निर्वाचन आयोग के नामावली पुनरीक्षण

  • Anjali 
  • Rajasthan
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राजस्थान नगर पालिका चुनाव पर विवाद: निर्वाचन आयोग के नामावली पुनरीक्षण

राजस्थान में नगर पालिका चुनाव को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है, जिसका पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कड़ा विरोध किया है। लोढ़ा का कहना है कि यह फैसला संवैधानिक प्रावधानों, नगर पालिका कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। उन्होंने राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग से जल्द चुनाव कराने की मांग की है। यह विवाद स्थानीय निकाय चुनावों की समय-सीमा और प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।

निर्वाचन आयोग के फैसले पर उठे सवाल

पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने 19 सितंबर को जारी आदेश को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह आदेश न केवल संविधान का उल्लंघन करता है, बल्कि नगर पालिका कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के भी खिलाफ है। लोढ़ा ने स्पष्ट किया कि आयोग जिस न्यायालय के फैसले का हवाला दे रहा है, वह इस मामले से संबंधित नहीं है।

  • निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्यक्रम स्थगित
  • पूर्व विधायक द्वारा फैसले का विरोध
  • संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का दावा

कानूनी पहलुओं पर जोर

लोढ़ा ने सुप्रीम कोर्ट के 2022 के सुरेश महाजन बनाम मध्यप्रदेश सरकार मामले का उल्लेख किया। उनका तर्क है कि निर्वाचन आयोग का फैसला इस निर्णय के विपरीत है। पूर्व विधायक ने राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव नलिनी कटौतिया से भी संपर्क किया और संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप चुनाव करवाने की मांग की।

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राज्य सरकार से सवाल

इस मुद्दे पर लोढ़ा ने राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल से भी सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि राजस्थान में संविधान, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नगर पालिका कानून की अवहेलना क्यों की जा रही है। यह विवाद राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया और समय-सीमा पर गंभीर सवाल खड़े करता है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

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