जैन मंदिर में वार्षिक मेला: भगवान आदिनाथ का पंचामृत अभिषेक, शांति
गुरुवार को कोटखावदा के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र में वार्षिक मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में संगीतमय विधान मंडल पूजन सहित कई धार्मिक कार्यक्रम हुए। सुबह से शाम तक चले इस आयोजन में जलाभिषेक, शांतिधारा, भजन प्रस्तुतियां और महाआरती शामिल थीं। स्थानीय समाज के प्रमुख लोगों को सम्मानित किया गया और कार्यक्रम के बाद सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। जयपुर, चाकसू, रूपाहेड़ी कलां सहित कई स्थानों से समाज बंधु इस मेले में शामिल हुए। मेले के प्रमुख आयोजन वार्षिक मेले की शुरुआत प्रातःकालीन जलाभिषेक और शांतिधारा से हुई। इसके बाद शांतिनाथ मंडल विधान पूजन संगीतमय रूप से संपन्न हुआ। कैलाश दिवाना पार्टी ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुतियां दीं, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिन भर
मेले के प्रमुख आयोजन
वार्षिक मेले की शुरुआत प्रातःकालीन जलाभिषेक और शांतिधारा से हुई। इसके बाद शांतिनाथ मंडल विधान पूजन संगीतमय रूप से संपन्न हुआ। कैलाश दिवाना पार्टी ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुतियां दीं, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिन भर चले इस कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक गतिविधियां आयोजित की गईं।
- मूलनायक भगवान आदिनाथ का जलाभिषेक
- शांतिनाथ मंडल विधान पूजन
- भजन प्रस्तुतियां
- समाजसेवियों का सम्मान
- श्रीजी का पंचामृत अभिषेक और महाआरती
समाजसेवियों का सम्मान
मंदिर समिति ने इस अवसर पर कुछ प्रमुख समाजसेवियों को सम्मानित किया। हरक चंद वैद, अशोक प्रजापत, अमन जैन और भवी गंगवाल को रत्नत्रय तेला करने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके समाज सेवा के प्रति समर्पण और योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया।
मेले का समापन और सामूहिक भोज
शाम को श्रीजी का पंचामृत अभिषेक और महाआरती के साथ धार्मिक कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके बाद समाज का सामूहिक वात्सल्य सहभोज आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। माल का सौभाग्य प्रकाश चंद, विमल जैन, निेतेश जैन और कमलेश दिनेश जैन बांसखोह परिवार को प्राप्त हुआ। मेले में जयपुर, चाकसू, रूपाहेड़ी कलां, काशीपुरा, आकोडिया, निमोडिया, लवाण और बांसखोह दौसा से बड़ी संख्या में समाज बंधु उपस्थित रहे, जिससे यह एक विशाल और सफल आयोजन बन गया।
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