दवा बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने सबसे पहले कोरोना वैक्सीन खोजी थी। कोरोना महामारी के दौरान इसे भारत समेत कई देशों में ‘कोविशील्ड’ ब्रांड के नाम से लोगों को लगाया गया था। लेकिन अब इसके साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। हाल ही में कोरोना वेक्सीन लगा चुके एक व्यक्ति को जब इसके दुष्प्रभाव दिखे तो उसने दवा बनाने वाली कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है। कंपनी ने इस बात को स्वीकार किया कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं, कंपनी ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि इस वेक्सीनवैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसी खतरनाक बीमारी के हो सकती है, परंतु यह बहुत रेयर है और यह लाखों लोगों में से किसी एक को हो सकती है।
कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट
कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) के प्रमुख साइड इफेक्ट्स में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) शामिल है, इस बीमारी में शरीर के विभिन्न भागों में खून के थक्के जमने लग जाते हैं। जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक, दिल की धड़कन का रुकना (कार्डियक अरेस्ट) के साथ-साथ शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो सकती है। ध्यान दें अचानक प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू के लक्षण भी होते हैं।
इन लोगों पर हो सकते हैं कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के विरुद्ध 51 लोगों ने साइड इफेक्ट की शिकायत यूनाइटेड किंगडम के हाईकोर्ट में दाखिल की हैं। कोरोना महामारी के दौरान भारत में लगभग 80 प्रतिशत वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ लगाई गई थी। साल 2023 में दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट से साफ इन्कार किया था, लेकिन बढ़ते मामलों की गंभीरता को देखते हुए कंपनी ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि कोविशील्ड वैक्सीन के लगाने से टीडीएस जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।