01 June 2024, नई दिल्ली: प्रदूषण कम होने से दिल्ली, हरियाणा और बिहार के लोगों की आयु नौ से बारह साल तक बढ़ सकती है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के रिचर्ड महापात्रा के अनुसार, सरकार के आंकड़े बताते हैं कि कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कम स्वास्थ्य व्यय, गैर-संचारी रोगों की उच्च घटनाओं, अक्षय ऊर्जा उत्पादन में गिरावट, अपर्याप्त फसल बीमा कवरेज और बिगड़ती मिट्टी की सेहत जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
गैर-संचारी रोगों का प्रभाव
महापात्रा ने बताया कि 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मौतों का 50 प्रतिशत गैर-संचारी रोगों के कारण होता है। इन रोगों का मुख्य कारण प्रदूषण और पर्यावरण की खराब स्थिति है, जिससे लोगों की जीवन प्रत्याशा पर गहरा असर पड़ता है। प्रदूषण का स्तर कम करने से इन रोगों की घटनाओं में कमी आ सकती है और लोगों की आयु बढ़ सकती है।
सरकार के उपाय और चुनौतियाँ
सरकार द्वारा प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए कदमों का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए तो दिल्ली के लोगों की आयु 12 साल, हरियाणा के लोगों की आयु 9 साल और बिहार के लोगों की आयु 8 साल तक बढ़ सकती है। हालांकि, इन उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि, अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और फसल बीमा कवरेज को बेहतर बनाने जैसे कदम उठाने की आवश्यकता है।
महापात्रा ने कहा कि प्रदूषण को कम करने और लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा। अगर हम इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होते हैं, तो आने वाले वर्षों में लोगों की आयु में वृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सकता है।