CBSE 10वीं और 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से: 10वीं के छात्र
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 सत्र से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने का फैसला किया है। यह पहली बार होगा जब 10वीं की परीक्षा एक शैक्षणिक वर्ष में दो बार होगी। पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च, 2026 तक और दूसरी 15 मई से 1 जून, 2026 तक होने की संभावना है। 12वीं की परीक्षा 17 फरवरी से 9 अप्रैल, 2026 तक एक ही बार होगी। यह नया परीक्षा पैटर्न छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का मौका देगा और शिक्षा प्रणाली में लचीलापन लाएगा।
नए परीक्षा पैटर्न की मुख्य विशेषताएं
CBSE के नए परीक्षा पैटर्न में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। 10वीं कक्षा के छात्रों के पास अब तीन विकल्प होंगे:
- केवल पहली परीक्षा देना
- केवल दूसरी परीक्षा देना
- दोनों परीक्षाएं देना और बेहतर स्कोर चुनना
दोनों परीक्षाओं के लिए एक ही रजिस्ट्रेशन और एक ही परीक्षा केंद्र होगा। प्रैक्टिकल और इंटरनल परीक्षाएं पहले की तरह दिसंबर-जनवरी में एक बार ही होंगी।
मूल्यांकन प्रक्रिया
CBSE परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के अनुसार, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रत्येक विषय की परीक्षा के लगभग 10 दिन बाद शुरू होगा और 12 दिन के भीतर पूरा हो जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि 12वीं की फिजिक्स की परीक्षा 20 फरवरी, 2026 को होगी, तो मूल्यांकन 3 मार्च से 15 मार्च, 2026 तक चलेगा।
नए पैटर्न का प्रभाव और महत्व
यह नया परीक्षा पैटर्न छात्रों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार का एक अतिरिक्त मौका मिलेगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बदलाव की तुलना JEE परीक्षा से की है, जहां छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का विकल्प मिलता है। यह फैसला CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई स्कूल पदाधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद लिया गया है, जो इसकी व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है।
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