बोकारो में नवविवाहित की संदिग्ध परिस्थिति में मौत: ससुराल वालों
बोकारो स्टील सिटी में 23 वर्षीय नवविवाहिता सुषमा कुमारी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना सेक्टर 9A के आवास संख्या-377 में हुई। सुषमा की शादी इसी साल अप्रैल में हुई थी। परिजनों का आरोप है कि विवाह के बाद से ही सुषमा पर दहेज की मांग को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने इसे दहेज हत्या करार दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतका के पति को हिरासत में लिया है। यह घटना दहेज प्रथा के खिलाफ कानूनों के बावजूद इस सामाजिक बुराई की निरंतरता को दर्शाती है।
घटना का विवरण और परिजनों के आरोप
बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे सुषमा के पति ऋतिक ने उसकी बड़ी बहन स्वीटी को फोन कर मौत की सूचना दी। परिजन शाम 5 बजे बोकारो पहुंचे और सुषमा को अचेत अवस्था में पाया। उसे तुरंत बोकारो जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि:
- सुषमा पर चारपहिया वाहन और नगद रुपए लाने का दबाव बनाया जा रहा था
- उसे लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था
- सूचना देने और अस्पताल ले जाने में जानबूझकर देरी की गई
- यह आत्महत्या नहीं, बल्कि दहेज हत्या है
पुलिस की कार्रवाई और जांच
हरला थाना पुलिस को घटना की सूचना शाम 7:30 बजे दी गई। थाना प्रभारी अनिल कश्यप ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन अनुसंधान जारी है। पुलिस ने मृतका के पति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
दहेज प्रथा का मुद्दा और कानूनी पहलू
यह घटना भारत में दहेज प्रथा की निरंतरता को दर्शाती है, जो कानूनी प्रतिबंधों के बावजूद जारी है। दहेज निषेध अधिनियम 1961 के तहत दहेज देना और लेना दोनों अपराध हैं। फिर भी, ऐसी घटनाएं समाज में इस कुप्रथा की गहरी जड़ों को उजागर करती हैं। परिजनों ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। यह मामला महिला सुरक्षा और समानता के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है।
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