हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग: युग
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चार साल के मासूम युग की हत्या के मामले में हाईकोर्ट के ताजा फैसले के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। हाईकोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है और दो अन्य की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। इस फैसले से नाराज युग के परिजनों और शहरवासियों ने मंगलवार को विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए और दोषियों को फांसी देने की मांग की। युग के पिता ने कहा कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
हाईकोर्ट का विवादास्पद फैसला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंगलवार को युग हत्याकांड मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में एक आरोपी तेजिंदर पाल सिंह को बरी कर दिया, जबकि अन्य दो दोषियों चंदर शर्मा और विक्रांत बख्शी की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। यह फैसला 2018 में जिला कोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को पलटता है।
- एक आरोपी तेजिंदर पाल सिंह को बरी किया गया
- दो दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली गई
- फैसले के खिलाफ शिमला में व्यापक विरोध प्रदर्शन
परिजनों और शहरवासियों का विरोध
इस फैसले के विरोध में युग के परिजन और शिमला के लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने डीसी कार्यालय से शेर-ए-पंजाब तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों को फांसी देने की मांग की। युग के पिता विनोद गुप्ता ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए और कहा कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 14 जून 2014 का है, जब शिमला के चार साल के मासूम युग का अपहरण किया गया था। लंबी जांच के बाद 22 अगस्त 2016 को युग का कंकाल बरामद हुआ और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सितंबर 2018 में जिला कोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले को आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट के इस नए फैसले से मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
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