शिमला में हिंदू संगठनों ने किया कांग्रेस सरकार का अर्ध पिंडदान
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज एक अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला। संजौली मस्जिद विवाद की पहली वर्षगांठ पर हिंदू संगठनों ने कांग्रेस सरकार का अर्ध पिंडदान किया। यह कार्यक्रम उसी स्थान पर आयोजित किया गया, जहां पिछले साल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। देवभूमि संघर्ष समिति ने इस दिन को 'सनातन शौर्य स्मृति एवं प्रतिशोध दिवस' के रूप में मनाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया था। प्रदर्शन का कारण और महत्व देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि पिछले साल 11 सितंबर को पुलिस ने अवैध मस्जिद के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने
प्रदर्शन का कारण और महत्व
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि पिछले साल 11 सितंबर को पुलिस ने अवैध मस्जिद के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था। इसी कारण से संगठन ने इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया।
- प्रदर्शन संजौली में किया गया
- हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अर्ध पिंडदान
- सरकार के खिलाफ नाराजगी प्रकट की गई
- शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया गया
अर्ध पिंडदान का कारण
विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि उनके लिए कांग्रेस सरकार उसी दिन मर गई थी, जब सनातनियों पर लाठीचार्ज किया गया था। चूंकि वर्तमान में पितृ पक्ष चल रहा है, इसलिए सरकार का अर्ध पिंडदान किया गया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए किया गया ताकि “इस सनातन विरोधी सरकार को मोक्ष प्राप्त न हो”।
पिछले साल के विवाद का प्रभाव
गौरतलब है कि पिछले साल संजौली मस्जिद विवाद ने पूरे हिमाचल प्रदेश में तनाव पैदा कर दिया था। 11 सितंबर को हुई झड़प के बाद, शिमला से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में फैल गया था। हिंदू संगठनों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किए थे। इस घटना ने राज्य की राजनीति और सामाजिक माहौल को काफी प्रभावित किया था।
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