ED की रिट पर पूर्व CM हुड्डा ने उठाए सवाल: HC
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें ED ने पीएमएलए स्पेशल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई गई थी। यह मामला औद्योगिक भूखंडों के आवंटन से जुड़ा है। ED का कहना है कि हुड्डा ने अपने पद का दुरुपयोग किया और नियमों में बदलाव कर अपात्र लोगों को भूखंड दिए। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हुड्डा के वकील ने कहा कि ED की याचिका विचारणीय नहीं है।
ED की याचिका के मुख्य बिंदु
ED ने अपनी याचिका में कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए हैं:
- हुड्डा ने आवंटन मानदंडों को अंतिम रूप देने में देरी की
- आवेदन की अंतिम तिथि के बाद मानदंड बदले गए
- गलत तरीके से अपात्र आवेदकों को भूखंड आवंटित किए गए
- स्पेशल कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज किया
हुड्डा के वकील का पक्ष
हुड्डा के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि ED की याचिका विचारणीय नहीं है। उन्होंने बताया कि 22 आरोपियों में से केवल 4 को ही पक्षकार बनाया गया है। उनका तर्क था कि अगर याचिका स्वीकार हो जाती है तो सभी आरोपी प्रभावित होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थगन आदेश हुड्डा ने नहीं, बल्कि अन्य आरोपियों के आवेदन पर दिया गया था।
मामले की अगली सुनवाई
ED की ओर से पेश हुए वकीलों ने कोर्ट से कुछ समय मांगा है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में आगे के निर्देश लेना चाहते हैं। कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को रखी है। इस दौरान ED के वकील अपना पक्ष विस्तार से रख सकेंगे। यह मामला काफी जटिल है और इसमें कई कानूनी पहलू जुड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में इस पर और भी बहस होने की संभावना है।
स्रोत: लिंक