लेह में आज भी कर्फ्यू: गृह मंत्रालय बोला– बांगचुक ने लोगों को
लेह में हुई हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्रालय का कहना है कि वांगचुक ने भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया और हिंसा के बीच अपना उपवास तोड़कर गांव चले गए। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में बुधवार को हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। प्रशासन ने लेह में बिना अनुमति रैली-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गृह मंत्रालय के आरोप और हिंसा की घटनाएं
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में सोनम वांगचुक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्रालय का कहना है कि वांगचुक ने:
- भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया
- हिंसा के बीच अपना उपवास तोड़ा
- हालात काबू करने की बजाय एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए
- कई नेताओं के कहने पर भी हड़ताल जारी रखी
बुधवार को हुई हिंसा में कई गंभीर घटनाएं हुईं। छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, भाजपा कार्यालय और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी गई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्षद पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। वहीं लेह के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों में साजिश की गंध आ रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता शेख बशीर अहमद ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लद्दाख की स्थिति और आगे की राह
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग 2019 से चल रही है, जब अनुच्छेद 370 हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इन मांगों को लेकर सरकार के साथ 6 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक होगी। इस बीच, प्रशासन ने लेह में बिना अनुमति रैली-प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह स्थिति बताती है कि लद्दाख में तनाव अभी भी बरकरार है और इसके समाधान के लिए सरकार और स्थानीय लोगों के बीच संवाद जरूरी है।
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