सुप्रीम कोर्ट ने अपने परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने मुख्य परिसर को हाई सिक्योरिटी जोन घोषित करते हुए वहां फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील बनाने पर रोक लगा दी है। 10 सितंबर को जारी एक सर्कुलर में कोर्ट ने मीडियाकर्मियों के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस फैसले का मकसद कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ाना और गोपनीयता सुनिश्चित करना है। यह कदम बार एसोसिएशन की सिफारिशों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने वकीलों और साइबर इंफ्लुएंसर्स द्वारा कोर्ट परिसर में फोटो और वीडियो बनाने पर चिंता जताई थी।
नए नियमों का विवरण और उल्लंघन के परिणाम
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, मीडियाकर्मी केवल कम सुरक्षा वाले लॉन एरिया में ही इंटरव्यू और लाइव टेलीकास्ट कर सकेंगे। अगर कोई मीडियाकर्मी इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसकी एंट्री सुप्रीम कोर्ट के हाई सिक्योरिटी एरिया में एक महीने तक के लिए बैन की जा सकती है।
- सुरक्षाकर्मियों को किसी भी व्यक्ति को हाई सिक्योरिटी जोन में तस्वीरें या वीडियो बनाने से रोकने का अधिकार
- कर्मचारी सदस्य, वकील और आगंतुक भी इस प्रतिबंध के दायरे में
- सोशल मीडिया रील बनाने पर भी रोक
बार एसोसिएशन की भूमिका
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर वकीलों और साइबर इंफ्लुएंसर्स द्वारा कोर्ट कैंपस में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर चिंता व्यक्त की थी। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कोर्ट परिसर के भीतर वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया कंटेंट बनाने में शामिल वकीलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम
इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को एक अलग मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने किसान आंदोलन के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि केस रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि
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