Skip to content

देवपुरी में बाबा हृदयराम साहिब जी की 34वीं बरसी महोत्सव: 26-28 सितंबर

1 min read

देवपुरी में बाबा हृदयराम साहिब जी की 34वीं बरसी महोत्सव: 26-28 सितंबर

देवपुरी के गोदड़ीवाला धाम में 26 से 28 सितंबर तक संत शिरोमणि बाबा हृदयराम साहिब जी की 34वीं बरसी महोत्सव मनाया जाएगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में देशभर से कई संत और भजन मंडलियां शामिल होंगी। कार्यक्रम में भजन संध्या, संत समागम और धार्मिक अनुष्ठान होंगे। आखिरी दिन एक बड़ा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा। आयोजकों ने श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की है। कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं इस तीन दिवसीय महोत्सव में भजन संध्या और संत समागम मुख्य आकर्षण होंगे। देशभर से कई प्रसिद्ध संत इसमें शामिल होंगे, जिनमें शामिल हैं: संत गोविंदराम साहिब जी (अकोला) संत पवनराम साहिब जी (भिलाई) संत मेहरबानराम साहिब जी (दुर्ग) संत जुगलराम साहिब जी (भिलाई) भजन मंडली और

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं

इस तीन दिवसीय महोत्सव में भजन संध्या और संत समागम मुख्य आकर्षण होंगे। देशभर से कई प्रसिद्ध संत इसमें शामिल होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • संत गोविंदराम साहिब जी (अकोला)
  • संत पवनराम साहिब जी (भिलाई)
  • संत मेहरबानराम साहिब जी (दुर्ग)
  • संत जुगलराम साहिब जी (भिलाई)

भजन मंडली और कलाकारों की प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध भजन गायक और कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें शामिल हैं डॉ. मनमोहन कृष्ण जी, कृष्णा मुरारी द्विवेदी, ममता वर्मा, रचना और दुर्गा गायक मंडली। इन प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में आध्यात्मिक माहौल बनेगा।

दिन-वार कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर

महोत्सव का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:

26 सितंबर (शुक्रवार): सुबह 10 बजे से दोपहर 11 बजे तक संत प्रवचन, फिर दोपहर 3 बजे तक भजन संध्या।

See also  इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भड़की आग.. रेस्क्यू का VIDEO: बाढ़ आई

27 सितंबर (शनिवार): सुबह 10 बजे से संत प्रवचन, दोपहर 3 बजे तक भजन संध्या और धार्मिक अनुष्ठान।

28 सितंबर (रविवार): सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक विशाल नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर। यह शिविर सिंधु डॉक्टर्स फोरम, रायपुर द्वारा आयोजित किया जाएगा।

आयोजकों ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर भजन, कीर्तन और संत प्रवचनों का लाभ लेने की अपील की है।

स्रोत: लिंक