किसानों से लोन-सब्सिडी के नाम पर 35 लाख ठगे: नाबार्ड अधिकारी बनकर
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। नाबार्ड के अधिकारी बनकर दो ठगों ने आदिवासी किसानों से करीब 35 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। उन्होंने 90% सब्सिडी और किसान क्रेडिट कार्ड लोन का झांसा देकर कई गांवों के किसानों से पैसे ऐंठे। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इस घटना से क्षेत्र के गरीब किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और उनका बैंकों पर से विश्वास डगमगा गया है।
धोखाधड़ी का तरीका और पीड़ित किसान
जनवरी 2023 में, दो व्यक्ति नाबार्ड के अधिकारी बनकर बालोद जिले के कई गांवों में पहुंचे। उन्होंने आदिवासी किसानों को लुभावने प्रस्ताव दिए, जैसे:
- 90% सब्सिडी पर बोर खनन
- मछली पालन की सुविधा
- खेतों की फेंसिंग
- किसान क्रेडिट कार्ड से आसान लोन
इन वादों के बहाने उन्होंने किसानों से दस्तावेज और पैसे इकट्ठा किए। द्वारिका प्रसाद घावड़े नाम के एक किसान से 1 लाख रुपये जमा कराए गए, लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। बाद में उनके खाते में 9.72 लाख का लोन दिखा, जिसका बोझ अब उन पर है।
पीड़ित किसानों की सूची
इसी तरह कई अन्य किसान भी ठगे गए, जिनमें शामिल हैं – पुरानिक चुरेन्द्र, बृजलाल गोयल, निरसिंह जुर्री, पुष्पा बाई, प्रहलाद सिंह, शत्रुघन चुरेन्द्र, जयराम, भारत लाल, दयालु राम, शंकर लाल, कल्याणी बाई, पुष्पकांत और बहुर सिंह। कुल मिलाकर लगभग 35 लाख रुपये की ठगी हुई है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की चुनौतियां
राजहरा पुलिस ने शिकायत के आधार पर दो आरोपियों – आमिर खान और हसन खान उर्फ हसमुद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर बीएनएस की धारा 3(5) और 318(4) के तहत कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियां हैं:
- पीड़ित किसानों को उनके पैसे वापस दिलाना
- फर्जी लोन के बोझ से किसानों को मुक्त करना
- भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करना
यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि गरीब किसान ऐसे धोखेबाजों
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