नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का कमरा विवाद: तीसरी मंजिल के कमरे
बिलासपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप को तीसरी मंजिल पर कक्ष दिए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। कश्यप ने इसे अस्वीकार करते हुए ग्राउंड फ्लोर पर कक्ष की मांग की है। उनका कहना है कि जनता से सीधे संवाद के लिए नीचे का कक्ष जरूरी है। मेयर पूजा विधानी ने कहा कि जनसेवा के लिए भावना महत्वपूर्ण है, न कि जगह। यह मुद्दा निगम कर्मचारियों और पार्षदों के बीच मतभेद का कारण बन गया है। आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा होने की संभावना है।
नेता प्रतिपक्ष की मांग और चेतावनी
भरत कश्यप ने तीसरी मंजिल पर दिए गए कक्ष को अस्वीकार कर दिया है। उनका तर्क है कि वृद्ध, महिलाएं और दिव्यांग लोग ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे। कश्यप ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें नीचे कक्ष नहीं मिला तो वे:
- विकास भवन के मेन गेट पर दरी बिछाकर बैठेंगे
- पार्किंग में कुर्सी-टेबल लगाकर जनता की समस्याएं सुनेंगे
- किसी भी हाल में जनता से संवाद जारी रखेंगे
मेयर का पक्ष
मेयर पूजा विधानी ने कहा कि जनसेवा के लिए भावना जरूरी है, जगह नहीं। उन्होंने बताया कि निगम ने अपनी क्षमता के अनुसार कक्ष आवंटित किया है। मेयर का मानना है कि सेवा का जज्बा हो तो कक्ष की मंजिल बाधा नहीं बनती।
निगम में मतभेद और आगे की संभावनाएं
इस मुद्दे पर निगम कर्मचारियों और पार्षदों में मतभेद देखने को मिल रहा है। कुछ लोग इसे पद की प्रतिष्ठा का मामला मान रहे हैं, जबकि अन्य नेता प्रतिपक्ष की मांग को जनहित में उचित बता रहे हैं। निगम की अगली बैठक में इस विवाद पर चर्चा होने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि निगम इस मुद्दे का कैसे समाधान निकालता है और क्या दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता हो पाता है।
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