धान खरीदी में बड़ा बदलाव: धान तस्करी रोकने बनेगी स्पेशल टीम
छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 से धान खरीदी प्रक्रिया में बड़े बदलाव की घोषणा की है। किसानों का पंजीकरण अब एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल पर किया जाएगा, जो फर्जीवाड़े को रोकने और भुगतान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा। इसके अलावा, धान तस्करी रोकने के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा और रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। यह कदम किसानों के हितों की रक्षा और खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।
नई पंजीकरण प्रणाली और उसके लाभ
मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकरण की नई व्यवस्था को मंजूरी दी गई। यह नया सिस्टम पुरानी कागजी प्रक्रिया की जगह लेगा, जिससे कई समस्याओं का समाधान होगा:
- दोहरे पंजीकरण पर रोक लगेगी
- फर्जी किसानों के नाम से धान बेचने की घटनाएँ कम होंगी
- धान की रिसाइक्लिंग पर अंकुश लगेगा
- भुगतान प्रक्रिया में तेजी आएगी
किसानों के लिए लाभ
नई व्यवस्था से किसानों को कई फायदे होंगे। उनकी पहचान और जमीन का ब्यौरा डिजिटल डेटाबेस से जुड़ेगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी। इसके अलावा, धान का भुगतान समर्थन मूल्य पर निर्धारित समय सीमा में सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा।
धान तस्करी रोकने के लिए विशेष प्रयास
सरकार ने धान तस्करी रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। सीमावर्ती जिलों में विशेष टीम का गठन किया जाएगा जो अवैध धान की आवाजाही पर नजर रखेगी। साथ ही, धान उपार्जन के लिए पर्याप्त मात्रा में जूट के बोरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिलों को पहले से तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इन सभी उपायों से धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता आने की उम्मीद है।
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