जादुई कलश का जाल, 1.94 करोड़ की ठगी: जशपुर में फर्जी-कंपनी बनाई
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक बड़े ठगी मामले का खुलासा हुआ है। शातिर ठगों ने जादुई कलश के नाम पर ग्रामीणों से करोड़ों रुपये ठगे। आरोपियों ने दावा किया कि सरकार इस कलश को बेचेगी और मुनाफा सभी सदस्यों में बांटा जाएगा। ग्रामीणों से सदस्यता, सिक्योरिटी मनी और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 25,000 से 70,000 रुपये तक वसूले गए। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अभी फरार हैं। प्रारंभिक जांच में 1 करोड़ 94 लाख रुपये की ठगी के सबूत मिले हैं, लेकिन यह रकम और भी अधिक हो सकती है।
ठगी का तरीका और गिरफ्तारी
2021 में 6 ठगों ने आरपी ग्रुप नाम से फर्जी कंपनी बनाकर ग्रामीणों को झांसे में लिया। उन्होंने दावा किया कि कोरबा जिले के मंडवारानी क्षेत्र में एक चमत्कारी धातु का कलश मिला है, जो विदेशों में अरबों की कीमत का है। ग्रामीणों से केवाईसी की झूठी प्रक्रिया पूरी करके पैसे वसूले गए।
- ग्रामीणों को 1 से 5 करोड़ रुपये मिलने का सपना दिखाया गया
- आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो लेकर केवाईसी की झूठी प्रक्रिया पूरी की गई
- जशपुर, सरगुजा, कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर जिलों के ग्रामीण इस ठगी के शिकार हुए
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
पुलिस ने राजेन्द्र कुमार दिव्य, तुरेंद्र कुमार दिव्य उर्फ मनीष, प्रकाश चंद्र धृतलहरे और उपेंद्र कुमार सारथी को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कार, मोबाइल और दस्तावेज समेत करीब 13 लाख रुपये का सामान जब्त किया गया है। महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर और एक अन्य आरोपी अभी फरार हैं।
जांच और आगे की कार्रवाई
SSP शशि मोहन सिंह ने बताया कि यह एक बड़ा ठगी का मामला है, जिसमें हजारों ग्रामीणों से करोड़ों रुपए हड़पे गए। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दो फरार आरोपियों की तलाश जारी है। अभी तक की जांच में करीब 1 करोड़ 94 लाख रुपए की ठगी के साक्ष्य मिले हैं, लेकिन वास्तविक राशि इससे कहीं अधिक होने की आशंका है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य पीड़ितों से भी संपर्क कर रही है।
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