सरगुजा: सट्टा कारोबार में शामिल सटोरिया झारखंड से गिरफ्तार
पुलिस ने रांची से किया सत्यम केशरी को गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में करोड़ों रुपए के सट्टा कारोबार का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने सटोरिया सत्यम केशरी को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया है। सत्यम ने कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर एक पुलिस कर्मचारी पर सट्टा कारोबार चलाने का आरोप लगाया था।
अंबिकापुर कोतवाली थाना प्रभारी मनीष सिंह परिहार ने बताया कि सत्यम केशरी ने सट्टा गिरोह के सरगना आयुष सिन्हा के कहने पर यह वीडियो जारी किया था। पुलिस ने सत्यम से कई मुद्दों पर पूछताछ की है।
सट्टा कारोबार के तार
जांच में पता चला है कि सत्यम सट्टा गिरोह के सरगना दीप सिन्हा उर्फ आयुष सिन्हा के साथ लंबे समय से इस अवैध कारोबार में शामिल था। सत्यम ने अपने वीडियो में दावा किया था कि उन्होंने एक महीने में एक पुलिस कर्मचारी को लगभग 48 लाख रुपए का मुनाफा दिया था।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की चुनौतियां
पुलिस ने सत्यम को अंबिकापुर कोतवाली थाने में दर्ज एक पुराने मामले में सह-आरोपी बनाया है। इस मामले में पहले से ही आयुष सिन्हा, अमित मिश्रा और शुभम केसरी सहित कई अन्य आरोपी शामिल हैं।
- पुलिस ने 13 मई 2024 को जयस्तंभ चौक में सटोरियों के ठिकाने पर छापा मारा था
- जांच में 60 से अधिक फर्जी खातों का संचालन पाया गया
- आरोपियों पर छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
- सत्यम केशरी को कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया
हालांकि, पुलिस अभी तक मुख्य सरगना दीप सिन्हा तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस दीप सिन्हा की संपत्तियों की भी जांच कर रही है, जिसने कथित तौर पर सट्टे से करोड़ों रुपए कमाए और अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर जैसे शहरों में संपत्ति खरीदी है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में अवैध सट्टा कारोबार के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है। पुलिस के लिए चुनौती है कि वह इस नेटवर्क के सभी सदस्यों को पकड़े और इस अवैध गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाए।
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