रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने CBI चार्जशीट पर दी सफाई, कहा – बिजनेस
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर CBI द्वारा दायर चार्जशीट पर अपना पक्ष रखा है। कंपनी ने कहा कि इस कार्रवाई से उनके व्यवसाय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। CBI ने यस बैंक फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी और अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। रिलायंस ने स्पष्ट किया कि चार्जशीट में उल्लेखित लेनदेन 10 साल से अधिक पुराने हैं और संबंधित कंपनियों का प्रबंधन अब बदल चुका है। कंपनी ने यह भी बताया कि अनिल अंबानी पिछले साढ़े तीन साल से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में नहीं हैं।
CBI की चार्जशीट और रिलायंस का जवाब
CBI ने गुरुवार को यस बैंक फ्रॉड मामले में अनिल अंबानी और अन्य लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की। इसमें आरोप लगाया गया है कि अंबानी की कंपनियों और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर के परिवार की कंपनियों के बीच कथित तौर पर फर्जी लेनदेन हुए, जिससे बैंक को 2,796 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
- रिलायंस ने कहा कि चार्जशीट में उल्लेखित लेनदेन 10 साल से अधिक पुराने हैं
- RCFL और RHFL के मामले सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद सुलझा लिए गए हैं
- इन कंपनियों का प्रबंधन बदल दिया गया है
- अनिल अंबानी पिछले साढ़े तीन साल से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में नहीं हैं
CBI के आरोप और जांच का विवरण
CBI का कहना है कि राणा कपूर ने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल करके यस बैंक के फंड्स को अंबानी की कमजोर कंपनियों में डाला। बदले में, अंबानी की कंपनियों ने कपूर परिवार की कंपनियों को कम ब्याज पर लोन और निवेश दिए। CBI ने यह केस 2022 में यस बैंक के चीफ विजिलेंस ऑफिसर की शिकायत पर शुरू किया था।
अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई
इस मामले में केवल CBI ही नहीं, बल्कि अन्य जांच एजेंसियां भी सक्रिय हैं। जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में की गई थी। ED की प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन लोन को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों में डायवर्ट किया गया था। जांच में यह भी
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