भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इन वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और प्रोत्साहन इसका एक बड़ा कारण है। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि तेल आयात पर भी निर्भरता घटेगी। हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार और तेजी से बढ़ेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता
पिछले 2-3 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया है। खासकर दोपहिया और तिपहिया वाहनों में यह वृद्धि सबसे अधिक रही है। कई नए स्टार्टअप्स और बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में उतर रही हैं। इससे ग्राहकों को अधिक विकल्प मिल रहे हैं।
- 2022-23 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 3 गुना बढ़ी
- दोपहिया वाहनों में 60% की वृद्धि
- कार सेगमेंट में भी 50% से अधिक की बढ़ोतरी
सरकारी प्रोत्साहन की भूमिका
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही विभिन्न सब्सिडी और प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को काफी कम किया है। इससे ये वाहन आम लोगों की पहुंच में आ रहे हैं। कई राज्यों ने इन वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी छूट दी है।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। लंबी दूरी की यात्रा के लिए चार्जिंग स्टेशनों की कमी लोगों को परेशान करती है। इसके अलावा बैटरी की उच्च लागत भी एक समस्या है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इन समस्याओं का समाधान होगा और भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार और तेजी से विकसित होगा।
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