भारत में बढ़ता कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग: अवसर और चुनौतियाँ
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और वित्त में AI का उपयोग हो रहा है। इससे उत्पादकता बढ़ने और नए अवसर खुलने की उम्मीद है। हालांकि, इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं जैसे नौकरियों पर प्रभाव और डेटा सुरक्षा के मुद्दे। सरकार AI को बढ़ावा दे रही है, लेकिन नियमन की भी जरूरत है। कुल मिलाकर, AI भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में AI का बढ़ता प्रयोग पिछले कुछ वर्षों में भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग काफी बढ़ा है। कई क्षेत्रों में AI आधारित समाधानों का उपयोग हो रहा है: स्वास्थ्य सेवा में रोग निदान और दवा खोज शिक्षा में व्यक्तिगत
भारत में AI का बढ़ता प्रयोग
पिछले कुछ वर्षों में भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग काफी बढ़ा है। कई क्षेत्रों में AI आधारित समाधानों का उपयोग हो रहा है:
- स्वास्थ्य सेवा में रोग निदान और दवा खोज
- शिक्षा में व्यक्तिगत शिक्षण और मूल्यांकन
- कृषि में फसल निगरानी और कीट नियंत्रण
- वित्तीय सेवाओं में धोखाधड़ी का पता लगाना
- ग्राहक सेवा में चैटबॉट्स का उपयोग
इससे उत्पादकता बढ़ने और प्रक्रियाओं के सरल होने की उम्मीद है। साथ ही नए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
सरकार की पहल
भारत सरकार भी AI को बढ़ावा दे रही है। ‘AI फॉर ऑल’ जैसी पहल के तहत AI शिक्षा और अनुसंधान को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कई राज्य सरकारें भी AI नीतियाँ बना रही हैं। हालांकि, नियमन की भी जरूरत महसूस की जा रही है ताकि AI का उपयोग सुरक्षित और नैतिक तरीके से हो।
AI से जुड़ी चुनौतियाँ
AI के बढ़ते प्रयोग के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी चिंता नौकरियों पर प्रभाव को लेकर है। कुछ क्षेत्रों में AI मशीनें मानव श्रमिकों की जगह ले सकती हैं। इसके अलावा डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे भी हैं। AI सिस्टम बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करते हैं, जिसकी सुरक्षा जरूरी है। एथिकल AI यानी नैतिक AI का विकास भी एक चुनौती है ताकि AI का दुरुपयोग न हो।
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