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पूर्व प्रधान न्यायाधीश स्वाति चौहान ने बनाई फिल्म सायरा खान केस

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पूर्व प्रधान न्यायाधीश स्वाति चौहान ने बनाई फिल्म सायरा खान केस

पूर्व प्रधान न्यायाधीश स्वाति चौहान ने अपने न्यायालय के एक वास्तविक मामले पर आधारित फिल्म ‘सायरा खान केस’ का निर्माण किया है। यह फिल्म एक मुस्लिम महिला के संघर्ष को दिखाती है, जिसे तीन तलाक के जरिए तलाक दिया गया और बच्चों से अलग कर दिया गया। फिल्म 10 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसमें व्यक्तिगत धार्मिक कानून और भारत के धर्मनिरपेक्ष कानूनों के बीच जटिल संघर्ष को दिखाया गया है। चौहान का कहना है कि सिनेमा उनका नया न्यायालय बन गया है।

फिल्म की पृष्ठभूमि और महत्व

स्वाति चौहान ने अपने न्यायालय के एक वास्तविक मामले पर आधारित इस फिल्म का निर्माण किया है। यह एक मुस्लिम महिला की कहानी है जिसे तीन तलाक के जरिए तलाक दिया गया और बच्चों से अलग कर दिया गया, जबकि उसका पति चार शादियां कर चुका था। फिल्म व्यक्तिगत धार्मिक कानून और भारत के धर्मनिरपेक्ष कानूनों के बीच जटिल संघर्ष को दिखाती है।

  • फिल्म 10 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी
  • राजनीश दुग्गल, पूनम दुबे, करण रज़दान प्रमुख भूमिकाओं में
  • स्वाति चौहान और करण रज़दान ने मिलकर लिखा और निर्देशित किया
  • सलीम लालानी, स्वाति चौहान सहित कई लोगों ने प्रोड्यूस किया

स्वाति चौहान का नया अवतार

स्वाति चौहान ने कहा, “सिनेमा मेरा नया न्यायालय बन गया है।” स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण में डिप्लोमा किया ताकि ऐसी वास्तविक कहानियों को जनता तक पहुंचाया जा सके। करण रज़दान के मार्गदर्शन में, स्वाति ने अपने न्यायालय के फैसले को एक शक्तिशाली सिनेमाई कथा में बदल दिया है।

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फिल्म और वास्तविक मामले के बीच समानता

स्वाति चौहान ने बताया कि फिल्म में उनके 2014 के फैसले की आत्मा बरकरार रखी गई है। हालांकि गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया है – किसी भी पक्ष का नाम, स्थान या पहचान नहीं दी गई है। फिल्म में सुनाया गया फैसला उनके मूल फैसले से काफी मिलता-जुलता है, सिर्फ मामूली बदलाव किए गए हैं। रचनात्मक स्वतंत्रता लेते हुए कुछ किरदार, सेटिंग और समय की प्रगति जोड़ी गई है। तलाक-ए-बिद्दत पर प्रतिबंध और तीन तलाक के अन्य रूपों पर चल रहे सुप्रीम कोर्ट के मुकदमे का भी जिक

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