भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले एक साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और प्रोत्साहन के कारण लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि ईंधन आयात पर निर्भरता भी घटेगी। हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल पिछले एक वर्ष में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस समय देश में कुल वाहन बिक्री का लगभग 5% हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों का है। विशेषज्ञों
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल
पिछले एक वर्ष में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस समय देश में कुल वाहन बिक्री का लगभग 5% हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों का है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 5 वर्षों में यह आंकड़ा 30% तक पहुंच सकता है।
- दोपहिया वाहनों में सबसे अधिक बिक्री वृद्धि
- कार सेगमेंट में भी तेजी से बढ़ रही मांग
- कॉमर्शियल वाहनों में भी इलेक्ट्रिक मॉडल लोकप्रिय
सरकार की प्रोत्साहन नीतियां
केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन और सब्सिडी दे रही हैं। इनमें खरीद पर छूट, पंजीकरण शुल्क में कमी और रोड टैक्स में छूट शामिल हैं। कई राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए विशेष नीतियां भी बनाई हैं।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार में सबसे बड़ी बाधा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। सरकार और निजी कंपनियां मिलकर इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रही हैं। बैटरी तकनीक में सुधार और कीमतों में कमी से भी इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दशक में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा बाजार बन सकता है। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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