भारत में बढ़ता हुआ डिजिटल भुगतान: UPI लेनदेन में रिकॉर्ड वृद्धि
भारत में डिजिटल भुगतान क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर लेनदेन की संख्या और मूल्य में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस साल UPI लेनदेन में 50% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि डिजिटल भुगतान को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति और सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का परिणाम है। इससे कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
UPI लेनदेन में अभूतपूर्व वृद्धि
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, UPI लेनदेन की संख्या में 55% की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 8,375 करोड़ लेनदेन हुए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 5,404 करोड़ थी। इसी तरह, लेनदेन के मूल्य में भी 58% की बढ़ोतरी देखी गई है।
- UPI लेनदेन की संख्या में 55% की वृद्धि
- लेनदेन के मूल्य में 58% की बढ़ोतरी
- मासिक औसत लेनदेन 700 करोड़ से अधिक
- छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से अपनाया जा रहा है
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले कारक
इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं। स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और सस्ता इंटरनेट डेटा ने डिजिटल भुगतान को आम लोगों तक पहुंचाया है। साथ ही, कोविड-19 महामारी ने भी कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया है। सरकार की ओर से डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन और व्यापारियों द्वारा UPI स्वीकार करने में वृद्धि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डिजिटल भुगतान का भविष्य और चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में डिजिटल भुगतान और तेजी से बढ़ेगा। हालांकि, इस क्षेत्र के समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं। साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम प्रमुख चिंताएं हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है। सरकार और निजी क्षेत्र इन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि भारत में डि
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