नवाजुद्दीन सिद्दीकी: एक साल में चार फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भारतीय सिनेमा में एक अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने 2012 में एक ही साल में चार अलग-अलग फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता, जो अब तक किसी अन्य अभिनेता ने नहीं किया। 'कहानी', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'देख इंडियन सर्कस' और 'तलाश' में उनके शानदार अभिनय ने 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उन्हें विशेष जूरी पुरस्कार दिलाया। यह उपलब्धि उनके संघर्ष, दृढ़ता और कला के प्रति समर्पण का प्रमाण है। चार फिल्मों में चार अलग किरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 2012 में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चार अलग-अलग फिल्मों में चार बिल्कुल अलग किरदारों को जीवंत किया: 'कहानी' में तेज तर्रार खुफिया अधिकारी 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में यादगार फैजल खान 'देख इंडियन सर्कस' में
चार फिल्मों में चार अलग किरदार
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 2012 में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चार अलग-अलग फिल्मों में चार बिल्कुल अलग किरदारों को जीवंत किया:
- ‘कहानी’ में तेज तर्रार खुफिया अधिकारी
- ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में यादगार फैजल खान
- ‘देख इंडियन सर्कस’ में संघर्षरत पिता
- ‘तलाश’ में एनसेंबल सेटअप में भी चमकने की क्षमता
अद्वितीय उपलब्धि का महत्व
नवाजुद्दीन की यह उपलब्धि कई मायनों में खास है। यह किसी एक भूमिका के लिए नहीं, बल्कि एक ही साल में कई अलग-अलग किरदारों में उनकी प्रतिभा के लिए थी। इसने उन्हें अपनी पीढ़ी के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया।
भविष्य की योजनाएं और विरासत
नवाजुद्दीन सिद्दीकी अब भी अपनी कला को नए आयाम दे रहे हैं। उनकी आगामी फिल्मों में ‘थामा’, ‘ब्लाइंड बाबू’ और ‘सेक्शन 108’ शामिल हैं। वे लगातार अपनी बहुमुखी प्रतिभा को नए तरीकों से परिभाषित कर रहे हैं और साबित कर रहे हैं कि वे क्यों पर्दे पर सबसे निडर और साहसी कलाकारों में से एक हैं। उनका एक साल में चार फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड अब तक अटूट है, जो उन्हें भारतीय सिनेमा का एक सच्चा किंवदंती साबित करता है।
स्रोत: लिंक