जॉली एलएलबी 3 की एडवांस बुकिंग पर लगी रोक, वीपीएफ विवाद बना
बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जॉली एलएलबी 3' की एडवांस बुकिंग पर अचानक रोक लगा दी गई। पीवीआर इनॉक्स ने 17 सितंबर की शाम को देशभर में बुकिंग रोक दी, जो 18 सितंबर सुबह फिर शुरू हुई। इसके पीछे वर्चुअल प्रिंट फी (वीपीएफ) को लेकर विवाद था। स्टार स्टूडियो18 ने वीपीएफ छूट की मांग की, जबकि मल्टीप्लेक्स चेन ने इसे अस्वीकार कर दिया। यह घटना फिल्म उद्योग में वीपीएफ के मुद्दे को फिर से सामने लाई है। वीपीएफ विवाद का मूल कारण वीपीएफ एक शुल्क है जो मल्टीप्लेक्स चेन निर्माताओं से लेते हैं ताकि अपनी तकनीक को अपग्रेड कर सकें। आमतौर पर यह शुल्क प्रति स्क्रीन लगभग 20,000 रुपये होता है। हालांकि, हॉलीवुड स्टूडियो इस शुल्क से मुक्त हैं। 'जॉली एलएलबी
वीपीएफ विवाद का मूल कारण
वीपीएफ एक शुल्क है जो मल्टीप्लेक्स चेन निर्माताओं से लेते हैं ताकि अपनी तकनीक को अपग्रेड कर सकें। आमतौर पर यह शुल्क प्रति स्क्रीन लगभग 20,000 रुपये होता है। हालांकि, हॉलीवुड स्टूडियो इस शुल्क से मुक्त हैं। ‘जॉली एलएलबी 3’ के निर्माताओं ने इसी आधार पर छूट की मांग की।
- वीपीएफ का औसत शुल्क प्रति स्क्रीन 20,000 रुपये है
- छोटे सिनेमा चेन और नॉन-2K थिएटरों के लिए यह शुल्क अन्य कंपनियां वसूलती हैं
- निर्माताओं का तर्क है कि वीपीएफ अनिश्चित काल तक नहीं लगाया जाना चाहिए
पिछले वीपीएफ विवाद
2019 में रोनी स्क्रूवाला ने सीसीआई में मामला दायर किया था, लेकिन फैसला मल्टीप्लेक्स के पक्ष में आया। इस साल ‘भूल चूक माफ’ को विशेष छूट दी गई थी, जिसमें वीपीएफ केवल तभी लिया जाना था जब फिल्म एक निश्चित आंकड़ा पार करती।
विवाद का प्रभाव और भविष्य
यह घटना फिल्म उद्योग में वीपीएफ के मुद्दे को फिर से केंद्र में लाई है। हालांकि बुकिंग फिर से शुरू हो गई है, लेकिन यह अभी तय नहीं है कि ‘जॉली एलएलबी 3’ को वीपीएफ छूट मिलेगी या नहीं। यह विवाद बॉलीवुड और मल्टीप्लेक्स चेनों के बीच संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और चर्चा होने की संभावना है।
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