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भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही

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भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। पिछले एक साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। सरकार ने 2030 तक देश में 30% वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही हैं। हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार और तेजी से बढ़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले एक साल में इन वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इसका मुख्य कारण लोगों में बढ़ती पर्यावरण जागरूकता और

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले एक साल में इन वाहनों की बिक्री में 200% से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इसका मुख्य कारण लोगों में बढ़ती पर्यावरण जागरूकता और सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी है। दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक मॉडल सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।

  • दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 300% की वृद्धि
  • तीन-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 150% की वृद्धि
  • कारों में इलेक्ट्रिक मॉडल की हिस्सेदारी 5% तक पहुंची

सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं

केंद्र सरकार ने 2030 तक देश में 30% वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें प्रमुख हैं – इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी में छूट, खरीद पर सब्सिडी और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाली कंपनियों को विशेष रियायतें। कई राज्य सरकारों ने भी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां बनाई हैं।

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चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार में सबसे बड़ी बाधा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। देश भर में अभी केवल 1,800 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। इसके अलावा बैटरी की उच्च लागत और कम रेंज भी चुनौतियां हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में तकनीकी प्रगति और सरकारी प्रोत्साहन से ये समस्याएं दूर होंगी। उनका अनुमान है कि 2025 तक भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 50 बिलियन डॉलर का हो जाएगा।

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