फिल्म ‘मन्नू क्या करेगा?’ – युवाओं की कहानी जो जीवन का मकसद खोजती है
शरद मेहरा द्वारा निर्मित फिल्म ‘मन्नू क्या करेगा?’ हाल ही में रिलीज हुई है। यह कम बजट की फिल्म देहरादून की पृष्ठभूमि में एक युवा की कहानी दिखाती है जो जीवन में अपना मार्ग खोजने की कोशिश कर रहा है। फिल्म में व्योम मुख्य किरदार मन्नू की भूमिका निभाते हैं, जो एक लड़की को प्रभावित करने के लिए झूठ का सहारा लेता है। यह फिल्म रोमांस और कॉमेडी के साथ-साथ जीवन का एक गहरा संदेश देती है – असली मकसद वही है जो आपको खुद से जोड़ दे।
कहानी और किरदार
फिल्म की कहानी मन्नू (व्योम) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हर काम में अच्छा है लेकिन जीवन को लेकर उलझन में है। उसकी मुलाकात जिया (साची बिंद्रा) से होती है, जो महत्वाकांक्षी और लक्ष्य-केन्द्रित है। मन्नू उसे प्रभावित करने के लिए एक फर्जी स्टार्ट-अप कंपनी शुरू करता है, जिससे उसका झूठ बढ़ता जाता है।
- व्योम ने मन्नू के किरदार को मासूमियत और आकर्षण के साथ निभाया है
- साची बिंद्रा जिया के रोल में आत्मविश्वासी और परिपक्व दिखती हैं
- विनय पाठक का ‘डॉन’ किरदार सबसे अलग और यादगार है
- कुमुद मिश्रा और चारू शंकर माता-पिता के रूप में संवेदनशील लगे
फिल्म का संदेश
फिल्म का मुख्य संदेश ‘इकिगाई’ की अवधारणा पर आधारित है – यानी जीवन का असली मकसद खोजना। प्रोफेसर डॉन (विनय पाठक) मन्नू को यह सीख देते हैं। फिल्म दर्शाती है कि कैसे छोटी कहानियां भी बड़ी बात कह सकती हैं जब इरादा साफ हो।
तकनीकी पहलू और प्रतिक्रिया
संजय त्रिपाठी का निर्देशन सादगी भरा है। फिल्म में कई छोटे-छोटे यादगार पल हैं जो दिल छूते हैं। संगीत में 9 गाने हैं, जिनमें ‘फना हुआ’ और ‘हुमनवा’ विशेष रूप से प्रभावशाली हैं। हालांकि, कुछ सीन लंबे लगते हैं और अंत थोड़ा जल्दबाजी में लगता है। फिल्म की तुलना हाल ही में रिलीज हुई ‘सैयारा’ से की जा रही है और यह ‘वेक अप सिड’ जैसी युवा-केंद्रित फिल्मों के प्रशंसकों को पसंद आ सकती है।
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