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मठ-मंदिरों को सामाजिक-रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जाए: नालंदा में धार्मिक

  • Sushant 
  • Bihar
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मठ-मंदिरों को सामाजिक-रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जाए: नालंदा में धार्मिक

बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने मठों और मंदिरों को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने की एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन ने बिहारशरीफ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना का खुलासा किया। इस पहल का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखकर, उन्हें शिक्षा, विवाह और खेलों जैसे सामाजिक क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह कदम बिहार के साढ़े चार हजार मठों और मंदिरों को समाज के विकास में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा।

मठ-मंदिरों की नई भूमिका

रणवीर नंदन ने मठों और मंदिरों की नई भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अब ये धार्मिक स्थल केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इस संबंध में उन्होंने चार प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया:

  • धार्मिक परंपराओं का पुनरुत्थान: पूर्णिमा और अमावस्या पर विशेष पूजा आयोजन
  • शैक्षिक सहायता: गरीब बच्चों को पढ़ाई सामग्री और कोचिंग सुविधा प्रदान करना
  • दहेज मुक्त विवाह: गरीब बच्चियों के विवाह का आयोजन करना
  • खेल संस्कृति को बढ़ावा: ‘अखाड़ा संस्कृति’ के माध्यम से युवाओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना

राज्यव्यापी समर्थन

नंदन ने बताया कि हाल ही में पटना में आयोजित ‘धार्मिक न्यास समागम’ में पूरे बिहार से 8 से 9 हजार प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पहल की सराहना की, जो इसके महत्व को दर्शाता है।

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राजनीतिक टिप्पणियां

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणवीर नंदन ने कुछ राजनीतिक टिप्पणियां भी कीं। उन्होंने पटना में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बैठक कुछ नेताओं को बचाने का प्रयास मात्र है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि पार्टी में नेतृत्व बूथ स्तर से उभरता है, जबकि अन्य दलों में परिवारवाद हावी है। प्रशांत किशोर के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये व्यक्तिगत मामले हैं और संगठन का इनसे कोई संबंध नहीं है।

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