बिहार में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 35,386 छात्रों के आवेदन तीन साल से लंबित हैं। नालंदा जिले में 929 आवेदन जांच के लिए रुके हैं, जिनमें अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ी जाति के छात्र शामिल हैं। शिक्षा विभाग के सचिव दिनेश कुमार ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को 30 अगस्त तक जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। देरी के कारण कई छात्र अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हैं। आर्थिक संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी की लापरवाही से आवेदन लंबित हैं। यदि आवेदन में कमी हो और 30 दिन में सुधार न हो, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा। यह स्थिति गरीब परिवारों के लिए चिंता का विषय है। (Updated 28 Aug 2025, 12:32 IST; source: link)