राज्य और केन्द्र सरकार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार और केंद्र सरकार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की उपेक्षा का आरोप लगाया है। राजद का कहना है कि सरकार ने रघुवंश बाबू के निधन के बाद की गई घोषणाओं को पूरा नहीं किया और उनकी पुण्यतिथि पर कोई सम्मान नहीं दिया। पार्टी ने रघुवंश बाबू के किसानों और मजदूरों के हित में किए गए सुझावों पर भी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। राजद ने इसे रघुवंश बाबू के विचारों और योगदान का अपमान बताया है।
राजद के आरोप और रघुवंश बाबू के सुझाव
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने रघुवंश प्रसाद सिंह की 13 सितंबर की पुण्यतिथि पर कोई सम्मान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि रघुवंश बाबू ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे:
- मनरेगा से आम किसानों को जोड़ना
- मुजफ्फरपुर में कटौंझा धार के तटबंधों का निर्माण
- गंडक नहर पर छोटे पुलों का निर्माण
- महनार प्रखंड में मलमला नहर के बांध का चौड़ीकरण
- शाहपुर में नहर में स्लूइस गेट लगाना
राजद का आरोप: रघुवंश बाबू के विचारों का अपमान
राजद प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कुछ तत्व रघुवंश बाबू के विचारों का विरोध करते थे। उनका कहना है कि इन तत्वों ने रघुवंश बाबू के निधन के बाद उनके पत्रों की गलत व्याख्या कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की।
रघुवंश बाबू के योगदान और विरासत
रघुवंश प्रसाद सिंह एक प्रमुख समाजवादी नेता थे। वे गरीबों और किसानों के हितों के लिए लड़ते रहे। उन्होंने मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास पर जोर दिया। राजद का कहना है कि सरकार उनके विचारों और योगदान को भुला रही है। पार्टी ने मांग की है कि सरकार रघुवंश बाबू के सुझावों पर गंभीरता से विचार करे और उनके सम्मान में ठोस कदम उठाए।
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