लेग स्पिन का जादूगर, जिसने डाली ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’, करियर
ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने अपनी जादुई गेंदबाजी से क्रिकेट जगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। 1992 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले वॉर्न ने 708 टेस्ट विकेट लेकर लंबे समय तक विश्व रिकॉर्ड कायम रखा। उनकी ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स को पहली ट्रॉफी दिलाने के अलावा, वे मैदान के बाहर भी अपने व्यक्तित्व के कारण चर्चा में रहे। वॉर्न की असाधारण प्रतिभा ने क्रिकेट के खेल को नए आयाम दिए और उन्हें ‘स्पिन का जादूगर’ का खिताब दिलाया।
शेन वॉर्न का शानदार क्रिकेट करियर
शेन वॉर्न ने अपने करियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने 708 टेस्ट विकेट लेकर एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो लंबे समय तक अटूट रहा। वॉर्न की गेंदबाजी तकनीक और कौशल ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान किया। उनकी सबसे यादगार गेंद, जिसे ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा जाता है, ने 1993 में इंग्लैंड के माइक गैटिंग को बोल्ड करके क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया।
- 708 टेस्ट विकेट – लंबे समय तक विश्व रिकॉर्ड
- ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ – 1993 में माइक गैटिंग को आउट किया
- आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स को पहली ट्रॉफी दिलाई
- विश्व कप 1999 में ऑस्ट्रेलिया की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका
वॉर्न का आईपीएल में योगदान
क्रिकेट के मैदान से बाहर भी शेन वॉर्न ने अपनी छाप छोड़ी। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी करते हुए टीम को पहले सीजन में ही चैंपियन बनाया। यह उपलब्धि उनके नेतृत्व कौशल और रणनीतिक समझ का प्रमाण थी।
शेन वॉर्न का व्यक्तिगत जीवन और विरासत
शेन वॉर्न केवल एक महान क्रिकेटर ही नहीं थे, बल्कि एक रंगीन व्यक्तित्व के धनी भी थे। मैदान के बाहर उनका जीवन अक्सर विवादों से घिरा रहा, लेकिन इसने उनकी लोकप्रियता को कम नहीं किया। वॉर्न की अचानक मृत्यु ने क्रिकेट जगत को गहरा सदमा दिया। उनकी विरासत न केवल उनके आंकड़ों में, बल्कि उन यु
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