पटना में बन रहा है विश्वस्तरीय विज्ञान केंद्र डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
बिहार की राजधानी पटना में एक नया विश्वस्तरीय विज्ञान केंद्र बनने जा रहा है। मोइन उल हक स्टेडियम के पास 20.5 एकड़ क्षेत्र में ‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी’ का निर्माण किया जा रहा है। यह केंद्र विज्ञान प्रेमियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक आधुनिक अध्ययन स्थल बनेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है। यहाँ विज्ञान के मूल सिद्धांतों को सरल तरीके से समझाया जाएगा और बच्चों को प्रयोगशाला में सीखने का मौका मिलेगा।
साइंस सिटी की विशेषताएँ और महत्व
‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी’ बिहार में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। साइंस सिटी का उद्देश्य है विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना।
- 20.5 एकड़ क्षेत्र में फैला विशाल परिसर
- आधुनिक प्रयोगशालाएँ और प्रदर्शनी हॉल
- इंटरैक्टिव गैलरी और 3D थिएटर
- रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब
शिक्षा और अनुसंधान पर प्रभाव
साइंस सिटी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक वरदान साबित होगी। यहाँ विज्ञान के जटिल सिद्धांतों को सरल और रोचक तरीके से समझाया जाएगा। प्रयोगशालाओं में हाथों से काम करने का अवसर मिलेगा, जो सीखने की प्रक्रिया को और भी प्रभावी बनाएगा। यह केंद्र बिहार के युवाओं को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
राज्य सरकार की पहल और भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना को बिहार के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी न केवल शैक्षणिक संस्थान होगी, बल्कि यह राज्य में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा देगी। सरकार की योजना है कि इस केंद्र को देश के अन्य प्रमुख विज्ञान संस्थानों से जोड़ा जाए ताकि यहाँ के छात्रों और शोधकर्ताओं को राष्ट्रीय स्तर पर अवसर मिल सकें।
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