Bihar Assembly Elections: ‘शराबियों को सरकार माफ कर दे, विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शराब पीने पर पकड़े गए लोगों को सरकार माफ कर दे। मांझी ने आरोप लगाया कि पुलिस शराब माफियाओं के बजाय छोटे उपभोक्ताओं को पकड़ रही है। इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे चुनावी हथकंडा बताया है। यह मुद्दा बिहार की राजनीति में गरमाया हुआ है। मांझी का विवादित बयान और प्रतिक्रियाएं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि: शराब पीने पर पकड़े गए लोगों को सरकार माफ कर दे पुलिस शराब माफियाओं के बजाय छोटे उपभोक्ताओं को पकड़ रही है यह गलत है
मांझी का विवादित बयान और प्रतिक्रियाएं
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि:
- शराब पीने पर पकड़े गए लोगों को सरकार माफ कर दे
- पुलिस शराब माफियाओं के बजाय छोटे उपभोक्ताओं को पकड़ रही है
- यह गलत है और इसमें बदलाव की जरूरत है
इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि एनडीए सरकार अपनी हार को देखते हुए ऐसे बयान दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार पांच साल शांत रही और अब चुनाव के समय ऐसी घोषणाएं कर रही है।
शराबबंदी कानून का मुद्दा
बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। इस कानून के तहत शराब पीने, बेचने या रखने पर सख्त सजा का प्रावधान है। हालांकि इसके क्रियान्वयन को लेकर विवाद रहा है। कई लोगों का मानना है कि इससे अवैध शराब का कारोबार बढ़ा है।
चुनावी राजनीति पर प्रभाव
विधानसभा चुनाव से पहले मांझी का यह बयान बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकता है। शराबबंदी एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर किसी भी बड़े नेता का बयान चुनावी समीकरण बदल सकता है। विपक्ष इसे सत्तारूढ़ गठबंधन की हताशा के रूप में पेश कर रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गरमा सकता है।
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