दिव्यांग छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल: थावे बीआरसी में नोडल
बिहार के गोपालगंज जिले में दिव्यांग छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। थावे प्रखंड में गुरुवार से शिक्षकों का तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शुरू हुआ है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है। प्रखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों से चुने गए 30 नोडल शिक्षकों को इस दूसरे बैच में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह पहल बिहार शिक्षा परियोजना के समावेशी शिक्षा संभाग के तहत की गई है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व
इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन थावे प्रखंड संसाधन केंद्र में किया जा रहा है। प्रभारी बीईओ सम्राट शिवमणि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य है:
- दिव्यांग छात्रों की पहचान करना
- उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना
- शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाना
- समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना
प्रशिक्षण की प्रक्रिया और प्रभाव
यह तीन दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण दो बैचों में आयोजित किया जा रहा है। पहले बैच में 30 नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया और उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। अब दूसरे बैच में भी 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों की पहचान करेंगे और उनकी जानकारी प्रखंड शिक्षा विभाग को देंगे।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख व्यक्ति
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई अनुभवी प्रशिक्षक और अधिकारी शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से अमरेश राम, शशिभूषण, सुनील कुमार प्रजापति जैसे प्रशिक्षक शामिल थे। इसके अलावा, लेखापाल शैलेंद्र कुमार मधुकर और अरविंद कुमार सिंह भी मौजूद रहे। यह प्रशिक्षण बिहार में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को बेहतर बनाएगा।
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