भारत में बढ़ते हुए डिजिटल भुगतान: UPI ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
भारत में डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर 2023 में 11 बिलियन से अधिक लेनदेन दर्ज किए, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 60% अधिक है। इस वृद्धि का श्रेय छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते डिजिटल साक्षरता और स्मार्टफोन उपयोग को दिया जा सकता है। यह विकास भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लक्ष्य को मजबूत करता है। UPI की बढ़ती लोकप्रियता के कारण UPI की सफलता के पीछे कई कारक हैं। सबसे पहले, इसकी सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रणाली है जो मोबाइल नंबर या QR कोड के माध्यम से तुरंत पैसे भेजने की अनुमति देती है। दूसरा, सरकार द्वारा
UPI की बढ़ती लोकप्रियता के कारण
UPI की सफलता के पीछे कई कारक हैं। सबसे पहले, इसकी सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल प्रणाली है जो मोबाइल नंबर या QR कोड के माध्यम से तुरंत पैसे भेजने की अनुमति देती है। दूसरा, सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान के तहत इसे बढ़ावा दिया गया है।
- 24×7 उपलब्धता और तत्काल लेनदेन
- बैंक खाते से सीधा जुड़ाव
- व्यापारियों के लिए कम लेनदेन शुल्क
- मल्टीपल बैंक खातों का एकीकरण
छोटे शहरों और गांवों में UPI का प्रसार
UPI की पहुंच अब बड़े शहरों से आगे बढ़कर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच गई है। इसका श्रेय स्मार्टफोन की बढ़ती उपलब्धता और सस्ते इंटरनेट डेटा को दिया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग अब दूध, सब्जियों और दैनिक जरूरत की चीजों के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं।
UPI के भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि UPI का विकास आने वाले वर्षों में और तेज होगा। सरकार की योजना है कि 2025 तक डिजिटल भुगतान को तीन गुना बढ़ाया जाए। इसके लिए नए फीचर्स जैसे क्रेडिट कार्ड लिंकिंग और अंतरराष्ट्रीय रेमिटेंस पर काम चल रहा है। साथ ही, UPI को और सुरक्षित बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। यह सब मिलकर भारत को एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में मदद करेगा।
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