भारत में बढ़ता डिजिटल भुगतान: UPI ने पार किया 10 लाख करोड़ का आंकड़ा
UPI लेनदेन में रिकॉर्ड वृद्धि
भारत में डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित हुआ है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अगस्त 2023 में पहली बार 10 लाख करोड़ रुपये के मासिक लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता और स्वीकार्यता को दर्शाता है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में UPI के माध्यम से कुल 10.58 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह जुलाई 2023 के 9.96 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से लगभग 6.2% अधिक है।
UPI की बढ़ती लोकप्रियता के कारण
UPI की इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे कई कारक हैं:
- सरल और त्वरित लेनदेन प्रक्रिया
- स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच
- कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की सरकारी पहल
- कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान की आवश्यकता
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि UPI का विकास आने वाले वर्षों में और तेज होगा। हालांकि, इस विकास के साथ कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। साइबर सुरक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता, और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
सरकार और NPCI UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं। कई देशों ने भारत के UPI मॉडल को अपनाने में रुचि दिखाई है, जो इस प्रणाली की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, UPI की यह उपलब्धि भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल देश की वित्तीय प्रणाली को आधुनिक बना रहा है, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा दे रहा है। आने वाले समय में UPI के और अधिक विकास और नवाचार की उम्मीद की जा सकती है।
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