भारत में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन, सरकार दे रही प्रोत्साहन
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इन वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसका मुख्य कारण है सरकार द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहन और लोगों में बढ़ती पर्यावरण जागरूकता।
वर्ष 2022 में भारत में लगभग 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिके, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से भी अधिक थे। इनमें दोपहिया और तिपहिया वाहनों की संख्या सबसे अधिक रही। कई बड़ी कार कंपनियां भी अब अपने इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च कर रही हैं।
सरकारी प्रोत्साहन योजनाएं
केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन दे रही हैं:
- खरीद पर सब्सिडी
- कम जीएसटी दर
- रोड टैक्स में छूट
- चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार
इन प्रोत्साहनों का उद्देश्य है वाहनों की कीमत को कम करना और उनके इस्तेमाल को आसान बनाना। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों।
चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, फिर भी कुछ चुनौतियां हैं। बैटरी की उच्च लागत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी बड़ी समस्याएं हैं। लेकिन तकनीकी प्रगति और सरकारी नीतियों के कारण इन समस्याओं का समाधान धीरे-धीरे हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें और कम होंगी। साथ ही, बैटरी तकनीक में सुधार से वाहनों की रेंज भी बढ़ेगी। इससे इन वाहनों की लोकप्रियता और बढ़ने की उम्मीद है।
यह जानकारी आधिकारिक/विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है और पाठकों के लिए सरल भाषा में प्रस्तुत की गई है।
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