25-06-24: केरल विधानसभा ने हाल ही में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के नाम को बदलने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, केरल को अब “मलयाली प्रदेश” के नाम से जाना जाएगा।
नाम बदलने का कारण
केरल विधानसभा का कहना है कि राज्य का वर्तमान नाम “केरल” उसकी भाषा, संस्कृति और पहचान को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता। “मलयाली प्रदेश” नाम राज्य की मूल पहचान को बेहतर ढंग से दर्शाता है।विधायकों का कहना है कि नाम बदलने से राज्य की अनूठी संस्कृति और विरासत को बेहतर ढंग से प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, यह कदम राज्य की पहचान को मजबूत करने में भी मदद करेगा।
प्रस्ताव की प्रक्रिया
केरल विधानसभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जहां इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए छह महीने का समय होगा। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर कर देती है, तो राज्य का नाम “मलयाली प्रदेश” हो जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस कदम पर राजनीतिक दलों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसका स्वागत किया, जबकि कुछ ने इसे राज्य की पहचान को कमजोर करने वाला कदम बताया।राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस कदम का समर्थन किया और कहा कि यह राज्य की संस्कृति और विरासत को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करेगा। वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस कदम की आलोचना की और इसे “अनावश्यक” बताया।
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