Bihar Elections 2025 : राहुल गांधी को कितनी कामयाबी दिलाएगा EBC कार्ड?
बिहार की राजनीति में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य की लगभग 36% आबादी वाला यह वर्ग 'स्विंग वोटर' के रूप में जाना जाता है। ये वोटर किसी एक पार्टी के प्रति वफादार नहीं रहे हैं और अक्सर सत्ता परिवर्तन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन EBC वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति बना रहे हैं, जो बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। बिहार की राजनीति में EBC का महत्व बिहार में जाति समीकरण हमेशा से सत्ता का मार्ग निर्धारित करते रहे हैं। इस परिदृश्य में, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह वर्ग न तो यादवों की तरह परंपरागत राजनीतिक शक्ति रखता
बिहार की राजनीति में EBC का महत्व
बिहार में जाति समीकरण हमेशा से सत्ता का मार्ग निर्धारित करते रहे हैं। इस परिदृश्य में, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह वर्ग न तो यादवों की तरह परंपरागत राजनीतिक शक्ति रखता है, और न ही दलितों की तरह किसी एक पार्टी का स्थायी समर्थक रहा है।
- EBC बिहार की कुल आबादी का लगभग 36% हिस्सा है
- इन्हें बिहार का ‘स्विंग वोटर’ कहा जाता है
- EBC वोटर अक्सर सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
EBC वोटरों का राजनीतिक इतिहास
पिछले चुनावों में, EBC वोटर कभी नीतीश कुमार के लिए तुरुप का पत्ता बने तो कभी महागठबंधन की ढाल। इनकी अस्थिर वोटिंग प्रवृत्ति ने बिहार की राजनीति को अक्सर अप्रत्याशित मोड़ दिए हैं।
राहुल गांधी की नई रणनीति
अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन EBC वोटरों पर एक बड़ा दांव लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह रणनीति बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। राहुल गांधी EBC समुदाय की समस्याओं और आकांक्षाओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें कांग्रेस के पक्ष में लाया जा सके। यह कदम न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि समग्र रूप से बिहार की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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