भारत में पहली बार ट्रेन से अग्नि-प्राइम मिसाइल का टेस्ट: स्पेशल ट्रेन
भारत ने बुधवार रात को ओडिशा के चांदीपुर में रेल पर आधारित मोबाइल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह विशेष रूप से डिजाइन किए गए ट्रेन से कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम द्वारा दागी गई। इस परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की जानकारी दी, जो देश की रक्षा क्षमताओं में एक बड़ा कदम है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल की विशेषताएं
अग्नि-प्राइम मिसाइल 2000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है। यह मिसाइल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। DRDO द्वारा विकसित यह मिसाइल:
- वजन में हल्की और मोबाइल लॉन्चर से फायर करने योग्य है
- दो स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है
- इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस गाइडेंस सिस्टम है
- अग्नि-4 और अग्नि-5 की तकनीक का उपयोग करती है
रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर का महत्व
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि यह विशेष रूप से डिजाइन किया गया रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर अपनी तरह का पहला सिस्टम है। यह सभी प्रकार के रेल नेटवर्क पर चल सकता है, जिससे सेना को रात के अंधेरे और धुंध भरे इलाकों में भी कम समय में मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता मिलती है।
कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम की विशेषताएं
कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम मिसाइल लॉन्चिंग की एक आधुनिक तकनीक है। इसमें मिसाइल को एक मजबूत धातु के कंटेनर में रखा जाता है, जो:
- मिसाइल को सुरक्षित रखता है और आसानी से परिवहन योग्य बनाता है
- बिना लंबी तैयारी के सीधे दागने की अनुमति देता है
- विपरीत मौसम और परिस्थितियों से मिसाइल को बचाता है
- दुश्मन के लिए पहचान को मुश्किल बनाता है
- बार-बार रखरखाव की आवश्यकता को कम करता है
यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है, जो देश को अधिक सुरक्षित और सशक्त बन
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