पार्टी विरोधी कार्य के लिए राजकुमार हुए निष्कासित – Daily Bihar
बिहार के सहरसा जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की एक दिवसीय बैठक हुई। इसमें केंद्र सरकार पर गरीबों की एकता को कमजोर करने और वोट के अधिकार को छीनने का आरोप लगाया गया। नेताओं ने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और गरीबी से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई। बैठक में नए अंचल पदाधिकारियों का चुनाव किया गया और एक सदस्य को निष्कासित करने का फैसला लिया गया। अक्टूबर में भूमिहीनों के मुद्दे पर विशाल प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई।
केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोप
बैठक में केंद्र की मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। पार्टी के राज्य परिषद सदस्य विजय कुमार यादव ने कहा कि सरकार गरीबों की एकता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा:
- सरकार सीपीआई की विचारधारा से डरती है
- गरीबों की एकता तोड़ने के लिए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं
- इन चालों को सफल नहीं होने देना है
अन्य नेताओं ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार और गरीबी बढ़ाने के आरोप लगाए। उमेश पोद्दार ने कहा कि सरकार वोट के अधिकार को छीनना चाहती है।
गरीबी और भ्रष्टाचार पर चिंता
बैठक में गरीबी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर गहरी चिंता जताई गई। शंकर कुमार ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं में लूट मची है और सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार से कराह रहे हैं। प्रभुलाल दास ने बताया कि गरीबी से तंग आकर 16 लाख लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
बैठक के प्रमुख फैसले
बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बिंदेश्वरी सहनी को नया अंचल मंत्री और कमलेश्वरी शर्मा को सहायक अंचल मंत्री चुना गया। पूर्व अंचल मंत्री राजकुमार चौधरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी तय किया गया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में भूमिहीनों के मुद्दे पर एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें कोसी बांध और अन्य जगहों से विस्थापित लोगों के पुनर्वास की मांग की जाएगी।
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