पटना में पेन फ्री इंडिया मिशन की शुरुआत: पेन किलर से लिवर-किडनी
बिहार की राजधानी पटना से एक अनोखी पहल शुरू हुई है जिसका उद्देश्य है भारत को दर्द मुक्त बनाना। बुधवार को पटना के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिजियोथेरेपिस्ट और कायरोप्रैक्टिक विशेषज्ञ डॉ. रजनीश कांत ने “पेन फ्री इंडिया मिशन” की घोषणा की। इस अभियान का लक्ष्य है लोगों को दर्द निवारक दवाओं के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और बिना दवा के दर्द से मुक्ति दिलाना। डॉ. कांत का मानना है कि थेरेपी और तकनीकी उपचार से भी दर्द को पूरी तरह दूर किया जा सकता है।
दर्द निवारक दवाओं के दुष्प्रभाव और वैकल्पिक उपचार
डॉ. रजनीश कांत ने दर्द निवारक दवाओं के दीर्घकालिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक पेन किलर का सेवन शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे लिवर, किडनी, हृदय और मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। उनका मानना है कि लोगों में यह गलत धारणा है कि दर्द का इलाज केवल दवाओं से ही संभव है।
- पेन किलर का अधिक सेवन लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है
- थेरेपी और तकनीकी उपचार दर्द को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं
- दवा रहित उपचार से दीर्घकालिक दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है
डॉ. कांत की विशेषज्ञता और उपचार पद्धति
डॉ. रजनीश कांत एक प्रख्यात कायरोप्रैक्टिक और फिजियोथेरेपिस्ट हैं। वे मुख्य रूप से पीठ दर्द, गर्दन दर्द, साइटिका और मांसपेशियों की समस्याओं का इलाज करते हैं। उनकी उपचार पद्धति की विशेषता यह है कि वे किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग नहीं करते। इसके बजाय, वे केवल थेरेपी और अपनी विशिष्ट तकनीकों का उपयोग करके मरीजों को राहत प्रदान करते हैं।
‘पेन फ्री इंडिया मिशन’ का विस्तार और लक्ष्य
डॉ. कांत ने बताया कि ‘पेन फ्री इंडिया मिशन’ की शुरुआत बिहार से होगी। उनका उद्देश्य है इस अभियान को धीरे-धीरे पूरे देश में फैलाना। इस मिशन का मुख्य लक्ष्य है लोगों को यह समझाना कि दर्द का प्रभावी इलाज बिना दवा के भी संभव है। वे चाहते हैं कि लोग दर्द निवारण के वैकल्पिक और सुरक्षित तरीकों के बारे में जागरूक हों और उन्हें अपनाएं।
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